अंधेर नगरी, चौपट राजा: दिल्ली में बेलगाम महंगाई, जनता पर भारी लूट
नई दिल्ली: "अंधेर नगरी चौपट राजा" की कहावत इस वक्त दिल्ली की सड़कों पर हकीकत बन चुकी है। हर ओर लूट, मनमानी और बेलगाम महंगाई का बोलबाला है। कोई नियम-कानून नहीं, कोई नियंत्रण नहीं—जिसका जो मन कर रहा है, वही कीमतें बढ़ा रहा है।
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बेकाबू महंगाई: जनता पर दोहरी मार
चाय से लेकर सब्जी, दाल, चीनी, नमक तक—हर चीज़ के दाम मनमाने ढंग से बढ़ाए जा रहे हैं। महज़ कुछ महीनों में बीफ की कीमत में 100 रुपये प्रति किलो तक की बढ़ोतरी हो चुकी है। यही नहीं, 6 महीने पहले जो बड़ा चाय का कप 5 रुपये में मिलता था, अब वही 15 रुपये में छोटा कप दिया जा रहा है।
सब्जियों के दाम: जो आलू-प्याज कभी 20-30 रुपये किलो था, वो अब 40-80 रुपये किलो के हिसाब से बेचा जा रहा है।
मांस-मछली के दाम: 2020 में जो मांस 80 रुपये किलो था, वो अब 300 रुपये तक पहुंच चुका है।
प्रशासन की चुप्पी: कौन लगाएगा इस लूट पर लगाम?
दिल्ली की सड़कों पर खुदरा विक्रेताओं से लेकर बड़े दुकानदार तक बिना किसी सरकारी नियंत्रण के मनमानी कीमतें वसूल रहे हैं। अधिकारी अपनी कुर्सियों से बंधे बैठे हैं, लेकिन जनता इस लूट का शिकार हो रही है।
सरकार और प्रशासन से सवाल:
1. रेट लिस्ट क्यों नहीं जारी की जाती?
2. बेलगाम कीमतों को नियंत्रित करने के लिए क्या कदम उठाए जाएंगे?
3. जनता को लूट से बचाने के लिए प्रशासन की क्या जिम्मेदारी है?
जनहित की मांग: प्रशासन नींद से जागे!
दिल्ली के प्रशासनिक अधिकारी कब अपनी जिम्मेदारी निभाएंगे? जनता लूट का शिकार कब तक होगी? इस मनमानी को रोकने के लिए सरकार को सख्त कदम उठाने होंगे।
रिपोर्ट: राशिद चौधरी
(Siyasat Ka Raaz News)