सिस्टम के खिलाफ जंग: "ज्योति माला की आमरण अनशन, विकास के नाम पर छलावे की पोल खोलता है
ब्यूरो:-(एस के आर न्यूज) 17 नवंबर 2024
नई दिल्ली: देश की राजधानी में लोकतंत्र के नाम पर चल रहे "राजतंत्र" की बानगी रोहिणी के किराड़ी विधानसभा में देखने को मिली है। किराड़ी विधानसभा की रहने वाली ज्योति माला ने विकास कार्यों की बदहाली और नेताओं की उदासीनता के खिलाफ जो मोर्चा खोला है, वह अब दिल्ली सरकार और प्रशासन की असंवेदनशीलता का प्रतीक बन चुका है। 6 दिनों से आमरण अनशन पर बैठी ज्योति की हालत गंभीर हो चुकी है, लेकिन सरकार और प्रशासन अपनी आंखें मूंदे हुए है।
बचपन से बर्बादी तक की सच्चाई: तीन कॉलोनियों की कहानी
शीश महल, करण विहार पार्ट सिक्स और मीठा पानी—इन तीन इलाकों के नाम सुनने में भले ही भव्य लगें, लेकिन यहां के हालात नारकीय हैं। न पानी, न नाली, न सड़कें। इन कॉलोनियों के निवासी जंगल जैसी स्थिति में जीने को मजबूर हैं। ज्योति माला ने सवाल उठाया है: "हम सिर्फ वोट देने के लिए हैं, क्या विकास का अधिकार हमारा नहीं?"
नेताओं की खामोशी और भ्रष्टाचार की खुली पोल
ज्योति माला ने किराड़ी के विधायक ऋतुराज पर आरोप लगाया है कि उन्होंने इन कॉलोनियों को दिल्ली सरकार के नक्शे से बाहर कर दिया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि विधायक फंड का इस्तेमाल सिर्फ अपने करीबी लोगों के लिए हो रहा है। तीन कॉलोनियों को नक्शे से हटाना, क्या यह भ्रष्टाचार की एक नई कहानी नहीं बताता?
जान दे देंगी, लेकिन हार नहीं मानेंगी
ज्योति माला ने हमारे सियासत जा राज़ संवाददाता से साफ कहा है कि वह तब तक अनशन नहीं तोड़ेंगी जब तक ठोस समाधान नहीं मिलता। "चाहे मेरी जान चली जाए, लेकिन मैं इस अन्याय के खिलाफ लड़ती रहूंगी," उनका यह बयान हर आम आदमी के अंदर गुस्सा और दर्द पैदा कर रहा है।
सिस्टम की नींद कब टूटेगी?
ज्योति माला के इस आंदोलन को क्षेत्र की जनता और कई संगठनों का समर्थन मिल रहा है। लेकिन सवाल यह है कि प्रशासन और सरकार कब जागेगी? क्या किसी की जान जाने के बाद ही सिस्टम हरकत में आएगा?
अंतिम सवाल
दिल्ली जैसे "विकसित" राज्य में, क्या ये तीन कॉलोनियां विकास के अधिकार से वंचित रहेंगी? अगर जवाब हां है, तो क्या लोकतंत्र केवल एक छलावा है?
रिपोर्ट: राशिद चौधरी
(SKR NEWS)