संजय गांधी अस्पताल में डॉक्टरों की घोर लापरवाही से मौत का खुलासा—पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हुए चौंकाने वाले खुलासे
ब्यूरो: (एस के आर न्यूज)
नई दिल्ली: मंगोलपुरी स्थित संजय गांधी अस्पताल में एक और हिला देने वाली घटना सामने आई है, जहां डॉक्टरों की लापरवाही के चलते एक निर्दोष महिला की जान चली गई। 34 वर्षीय शबनम उमर, जिनकी साधारण डिलीवरी होनी थी, अब अस्पताल की घोर लापरवाही और चिकित्सा भूलचूक का शिकार हो गई हैं। मौत की असली वजह पोस्टमार्टम के बाद उजागर हुई, जिसने पूरे स्वास्थ्य विभाग को कटघरे में खड़ा कर दिया है।
कैसे हुई मौत?
14 मई 2024 की रात को, शबनम को प्रसव पीड़ा के चलते अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनकी सामान्य डिलीवरी के बाद, उन्हें ICU में शिफ्ट किया गया। मगर, अस्पताल के डॉक्टरों ने उन्हें जिस तरीके से कोप्रटी (contraceptive device) लगाया, उसने उनकी स्थिति को और गंभीर बना दिया। इसका परिणाम यह हुआ कि 17 मई को उनकी मौत हो गई।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट से खुलासा हुआ कि शबनम की मौत भारी रक्तस्राव (Postpartum Hemorrhage), सेप्सिस, और अन्य गंभीर चिकित्सीय जटिलताओं के चलते हुई। रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि गर्भाशय निष्क्रिय हो गया था, जिसके चलते आपातकालीन ऑपरेशन करना पड़ा। लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद डॉक्टर उन्हें बचाने में असफल रहे।
डॉक्टरों की लापरवाही से गई जान: परिवार ने उठाए गंभीर सवाल
शबनम के पति नईम ने अस्पताल पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि जब उनकी पत्नी की स्थिति बिगड़ रही थी, तब डॉक्टरों ने समय पर सही कदम नहीं उठाए। परिवार का कहना है कि अस्पताल के डॉक्टरों ने लापरवाही बरती, जिसके चलते उनकी पत्नी की जान चली गई।
नईम और उनके परिजनों ने मांग की है कि जिस समय शबनम की डिलीवरी और इलाज हुआ, उस समय के सभी सीसीटीवी फुटेज को हमें दिया जाए। साथ ही, उन डॉक्टरों की पहचान होनी चाहिए जिन्होंने इस पूरी प्रक्रिया में भूमिका निभाई।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने खोले मौत के राज
18 मई को मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज में किए गए पोस्टमार्टम में यह स्पष्ट हुआ कि शबनम की मौत का कारण भारी रक्तस्राव और सर्जरी से उत्पन्न जटिलताएं थीं। उनके शरीर पर कई निशान भी मिले, जो इस बात का संकेत थे कि अस्पताल में इलाज के दौरान भी उनसे सही तरीके से व्यवहार नहीं किया गया।
न्याय की गुहार: पुलिस पर उठे सवाल
इतनी बड़ी चूक के बावजूद अब तक कोई FIR दर्ज नहीं की गई है। परिवार और समाज के लोग इस बात पर नाराजगी जता रहे हैं कि डॉक्टरों की लापरवाही से हुई मौत के बावजूद पुलिस की जांच में ढिलाई बरती जा रही है।
मृतका के पति का कहना है कि पुलिस ने अब तक विश्वा रिपोर्ट भी मेडिकल काउंसिल को नहीं भेजी, जिससे जांच में और देरी हो रही है।
क्या संजय गांधी अस्पताल बना है मौत का सौदागर?
यह मामला सिर्फ एक मौत का नहीं, बल्कि एक प्रणालीगत लापरवाही का प्रतीक बनता जा रहा है। संजय गांधी अस्पताल में लगातार सामने आ रहे चिकित्सा मामलों से ये सवाल उठने लगे हैं कि क्या यहां के डॉक्टर मरीजों की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं? आखिर कब तक इस अस्पताल में लापरवाही का यह सिलसिला चलता रहेगा?
अब सबकी निगाहें दिल्ली मेडिकल काउंसिल की जांच पर टिकी हैं। क्या दोषी डॉक्टरों पर कार्रवाई होगी? क्या शबनम के परिवार को न्याय मिलेगा? यह सवाल अब हर किसी के मन में उठ रहा है।