दिल्ली में भूमाफियाओं का बोलबाला: दीप विहार बना अवैध निर्माण का गढ़, प्रशासन की नाकामी
ब्यूरो रिपोर्ट: (एस के आर न्यूज)
राजधानी दिल्ली के रोहिणी जिला नरेला क्षेत्र में अवैध निर्माण का खेल जोरों पर है, जहां प्रॉपर्टी डीलर और बिल्डर कानून की धज्जियां उड़ाते हुए धड़ल्ले से निर्माण कर रहे हैं। रोहिणी सेक्टर 24 से सटे दीप विहार में भूमाफियाओं द्वारा अवैध निर्माण की बाढ़ आ गई है। नरेला जोन के थाना बेगमपुर इलाके में बड़े पैमाने पर इमारतें बिना किसी नियम-कानून के बनाई जा रही हैं।
भूमाफियाओं का आतंक
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि दीप विहार के चारों ओर सरकारी डीडीए की जमीन को कब्जा कर बेचा जा रहा है। इस गोरखधंधे में सरकारी कर्मचारियों की मिलीभगत की आशंका है, जिसके कारण न तो रोकथाम हो रही है और न ही अवैध निर्माणों को गिराने की कोई कार्रवाई।
कानून की खुली अवहेलना
दीप विहार की कुछ जमीनें कृषि उपयोग की बताई जाती हैं, जिन पर परमानेंट निर्माण करना गैरकानूनी है। लेकिन दिल्ली नगर निगम की मिलीभगत से नियमों की खुलेआम अनदेखी की जा रही है। भूमाफियाओं ने सरकारी जमीन पर कब्जा कर अवैध रास्ते बना लिए हैं, और प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है।
प्रशासन की नाकामी
नरेला नगर निगम, बेगमपुर पुलिस और नॉर्थ वेस्ट डिस्ट्रिक्ट के एसडीएम की भूमिका पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। ये सभी अधिकारी अवैध निर्माणों को रोकने में पूरी तरह नाकाम साबित हुए हैं। डीसी, एई, जेई, एक्शन, और अन्य अधिकारी केवल तमाशबीन बने हुए हैं। इनकी चुप्पी में मिलीभगत की गंध साफ दिखाई देती है।
भूमाफियाओं का दबदबा
सूत्रों के मुताबिक, इस क्षेत्र की कुछ खसरा संख्या वाली जमीनें कृषि के लिए आरक्षित थीं, लेकिन भूमाफियाओं ने गैरकानूनी तरीके से डीडीए की चारदीवारी तोड़कर अवैध रास्ते बना लिए हैं। यह सब कानून के खिलाफ होते हुए भी प्रशासन द्वारा अनदेखा किया जा रहा है।
प्रशासन की अगली चाल?
अब सवाल यह उठता है कि इस काले धंधे पर कार्रवाई कौन करेगा—पुलिस, एसडीएम, या एमसीडी? क्या दिल्ली के एलजी और एमसीडी कमिश्नर अश्विनी कुमार इस पर कोई कड़ा कदम उठाएंगे, या फिर यह मामला दबा दिया जाएगा? जनता की नजरें प्रशासन पर हैं, और भविष्य ही बताएगा कि यह मुद्दा सुलझेगा या नहीं।