पुलिस आलाधिकारियों के रोक के आदेश कोई पालन नहीं।
- ज्वाइंट सीपी वेस्टर्न रेंज आदेश ऑडर नंबर 89715 दिनांक 23 दिसम्बर 2020 के रोक के बाद भी प्लॉटिंग जारी।
- गरीब भोले-भाले लोगों से हो रही है कृषि भूमि को प्लॉटिंग की जमीन बताकर लूट।
जुलाई 2024 में और तेज़ी से खुलेआम कानून का उलंघन, कई अवैध इमारतों के खड़े हुए ढांचे
भूमाफियाओं द्वारा शासन प्रशासन की मिलीभगत? बाहरी दिल्ली के थाना राज पार्क, वार्ड 44 में कानून का खुला उलंघन।
- अखाड़े की भी बेचड़ाली जमीन बना दिया रोड? बाकी बचे अखाड़े को बेचने का चल रहा षड्यंत्र।
सुलतानपुरी भल्ला फैक्ट्री के इर्द गिर्द झोड़ तालाब में भराव कर अवैध रूप से शासन प्रशासन के कर्मियों से मिलीभगत कर प्लॉटिंग जारी है। केई एकड़ भल्ला फैक्ट्री के साथ जमीन पर नई कॉलोनी बसाने का षड्यंत्र ज़ोर शोर से चल रहा है। जिस मामले पर शासन प्रशासन आंख बंद कर तमाशा देख रहा है।
दिल्ली में नई कॉलोनी बसाने पर प्रतिबंध के बाद किस की देखरेख में बसाई जा रही है नई कॉलोनी, कौन है इसका जिम्मेदार?
विधायक मुकेश अहलावत, निगम पार्षद दौलत पवार षड्यंत्र में शामिल?
बाहरी दिल्ली: सुलतानपुरी थाना राजपार्क इलाके में रेल के डिब्बे बनाने वाली फैक्ट्री बंद हो जाने के बाद वीरान पड़ी रेलवे लाइन के साथ कई एकड़ जमीन पर अवैध रूप से तालाब को मलवे से भर कर छोटे-छोटे प्लॉट काटकर प्लॉटिंग की 2020 में तैयारी की जा रही थी जिसे प्रशासन ने रोक दिया था जिस पर जॉइंट सीपी वेस्टर्न रेंज द्वारा रोक के आदेश दिए गए थे।
अब काफी वक्त से फिर कानून का उलंघन कर प्राइवेट सीवर बना कर सरकारी नाले-नालियों से डीलर जोड़ने की साजिश हो रही है। साथ ही कुछ सरकारी विभाग से मिलकर पानी की लाइनें भी जोड़ने की तैयारी की जा रही है। सुलतानपुरी के थाना राजपार्क इलाके के F-6-7 ब्लॉक सुलतानपुरी के सामने बने अखाड़े के पीछे खाली पड़ी जमीन पर कॉलोनी नुमा गलियों की तैयारी चल रही है साथ ही NDPL से सांठगांठ कर बिजली के पोल लगाने की तैयारी की जा रही है। इससे साफ लगता है कि इस फैक्ट्री की जगह नई कॉलोनी काट कर छोटे-छोटे प्लॉट काटने शुरू कर दिए हैं। साथ ही सरकारी जमीन पर बने अखाड़े के बीच में अवैध रूप से अंदर जाने के लिए रास्ता बना दिया गया है।
वार्ड 44A की सरकारी जमीन पर दुकानें नुमा कब्जा कर एंट्री रोड बना दिया गया है। जबकि दिल्ली में कहीं भी नई आबादी बसाने की अनुमति नहीं है, पर यहाँ खुलेआम अवैध कॉलोनी बसाने का कार्य ज़ोर-शोर से चलता देखा जा सकता है। सभी संबंधित विभाग आंख बंद कर बैठे हैं।
बतादें, इस फैक्ट्री में वर्षों पहले रेलगाड़ी के डिब्बे बनते थे जो भल्ला फैक्ट्री के नाम से जानी जाती थी। इस फैक्ट्री का क्षेत्र सुलतानपुरी रेलवे फाटक से लेकर नांगलोई रेलवे फाटक तक है, जिस फैक्ट्री में काम करने वाले मजदूर कुछ फैक्ट्री की जगह झुग्गियां डाल कर रहते थे जो फैक्ट्री बंद हो जाने के बाद भी उस जगह को खाली नहीं कर गए। जिसका केस कोर्ट में विचाराधीन है, जो फैक्ट्री की चारदीवारी में सीमित है।
पर जो जगह फैक्ट्री की खाली पड़ी हुई है, जो अनेकों एकड़ है, जिसमें फैक्ट्री का तालाब था, उसको मलवे से भर दिया गया है और पूरी फैक्ट्री की जगह में अवैध रूप से प्लॉट काटकर और बेचकर आबादी बसाने की तैयारियां हो रही हैं *जबकि कानूनन ऐसा हो नहीं सकता।*
इससे साफ जाहिर होता है कि जिले के संबंधित अधिकारी मिलीभगत के कारण आंख बंद कर बैठे हैं, जिस पर अभी तक कोई रोक नहीं लगी। इस नांगलोई जाट कृषि की जमीन पर प्लॉटिंग की खबरों के बाद नांगलोई सब डिवीजन भी खामोश है, आखिर क्यों?
अब देखना होगा, मामला फिर उजागर होने के बाद प्रशासनिक अधिकारियों की आंख खुलती है या नहीं, ये आने वाला वक्त बताएगा।
रिपोर्ट: सियासत का राज़ न्यूज
(SKR News)