खतरनाक मछली जा सकती है जान बरतें सावधानियां।
जीहां मछली कितनी खतरनाक हो सकती है इसका अंदाज़ा लगाना मुश्किल है।
मछली खाने के बाद काटने पड़े महिला के हाथ-पैर, जानें सी-फूड खाते समय बरतें सावधानियां।
एक ऐसा सनसनीखेज मामला सामने आया है
कैलिफॉर्निया की एक महिला को तिलापिया फिश खाने के कारण इन्फेक्शन हो गया जिसकी वजह से उसके हाथ-पैर काटने पडे़। महिला को कंटैमिनेटेड यानी दूषित और अंडरकुकड सी-फूड खाने की बेहद भारी कीमत चुकानी पड़ी। यह घटना कितनी भयावह है आप इसका अंदाजा नहीं लगा सकते हैं।
संवाददाता: (एस के आर)
राजधानी दिल्ली की मंडियों में बिकने वाली मांगुर मछली भी एक जहर नुमा है जो इंसान के जिस्म में कोई भी इन्फेक्शन कर सकती है जिस कारण भारत में इस मांगुर मछली पर प्रतिबंध है पर फिर भी सभी सरकारी गैर सरकारी मार्किट में धडल्ले से बिक रही है।
आखिर क्यों अफ्रीकन मांगुर मछली पर भारत में लगा हुआ है प्रतिबंध।
मांगुर मछली का खानपीन किया है किया आप जानते है
मांगुर मछली मसाहरी वेस्टिज खाकर पलती है इसका सिर्फ भोजन मंडियों की वेस्टीज को मछली पालन करता लेजाकर तालाबों में डालदेते है जिसे खाकर पलती है इस लिए ये मछली गंदगी खाकर पलती है इस कारण इस मछली में गलत और गंदगी के कारण ये मछली नुकसान देह है। जिस कारण प्रतिबंध है।
2017 में रोहिणी एसडीएम संतोष राय ने रोक लगाई थी 25 टन मछली दफन की थी नरेला एसडीएम सचिन राणा ने 24 तालाब भी सील किए थे।
समंदरी मछली खाने के काफी फायदे है पर उसकी आड़ में इस मछली को ज्यादा बेचा जाता है इस मछली में एक कांटा होता है जेसे सिंगाड़ा में होता है मांगुर मछली 2 से तीन महीने में मास का गंद खाकर जल्दी बड़ी होजती है जिस कारण मछली वेयपारी इसी मछली का पालन प्रशासन से सांठगांठ कर कर रहे है।
साक्षी मित्तल द्वारा गाजीपुर मंडी में मांगुर फिश की एंट्री पर रोक लगाई थी
गाज़ीपूर मंडी में मांगुर मछली की एंट्री पर रोक के बाद भी मांगुर ही मांगुर
और दिल्ली की गाजीपुर मंडी से लेकर छोटी से छोटी मार्किटों में खुलेआम बेची जा रही है प्रतिबंध के बाद भी आखिर क्यों।
केलिफोर्निया में रहने वाली 40 वर्ष की लॉरा बराजस को तिलपिया नाम की मछली खाने के बाद अपने दोनो हाथ पेर खोने पड़े।महिला लोकल मार्किट से ये मछली लाई थी जिसे खाने के बाद वह काफी बीमार होगाई थी
जिसकी वजह से उसके हाथ-पैर काटने पडे़। महिला को कंटैमिनेटेड यानी दूषित और अंडरकुकड सी-फूड खाने की बेहद भारी कीमत चुकानी पड़ी। यह घटना कितनी भयावह है आप इसका अंदाजा नहीं लगा सकते हैं।
इस तरह की घटना साफ बताती है इंसान के लिए ऐसी मछली कितनी घातक होती हैं जिस्म में किस तरह जहर घोलती हैं पर शासन प्रशासन तमाशबीन बना रहता है और बड़ी दुर्घटना के इंतजार में बैठा रहता है।
रिपोर्ट: राशिद चौधरी