कंझावला कांड को उजागर करने वाले पत्रकार को पुलिस ने जेल भेजने की- कोशिश, कोर्ट ने किया केस खारिज
इनाम के बदले मिली सज़ा दिल्ली पुलिस का इंसाफ
नई दिल्ली। सुल्तानपुरी। कंझावला कांड उजागर करने वाले पत्रकार शहजादा हाशमी ने नव वर्ष में नग्न हालत में युवती रोड पर पड़ी मिली, जिसको पत्रकार ने ट्वीट कर दिल्ली पुलिस के आला अधिकारियों को अवगत कराया परंतु कंझावला कांड को दबाने में पुलिस की भरपूर मेहनत दिखाई दी और जैसा पत्रकार शहजादा हाशमी के बयान अनुसार पुलिस नरेला घर से ले गई 2 घंटे तक रोड पर घुमाया थाने ले गई तो मारपीट की और धमकाया आज से पत्रकारिता बंद कर दे पुलिस कर्मियों ने पत्रकारिता भुला दूंगा की धमकी दी,आज के बाद पत्रकारिता मत करियो 107/151 में केस दर्ज कर जेल भेजने की कोर्ट में अपील लगाई परंतु जज साहब ने सुनते ही तुरंत कोर्ट में केस खारिज कर दिया।
थाना सुल्तानपुरी मैं कवरेज करने गए कई पत्रकारों के साथ भी बदसलूकी हुई है आजकल दिल्ली पुलिस अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए शिकायतकर्ता, पत्रकारों को खबर ट्वीट करने का नतीजा जेल भेजने का करती है बाहरी जिला, थाना सुल्तानपुरी पत्रकारों पर जेल भेजने कि कई बार खबरें आई है जो कोई भी अखबार, शिकायत या टि्वटर व्हाट्सएप के माध्यम उजागर करता है तो उसको सीधा टॉर्चर किया जाता है,प्रताड़ित किया जाता है, मारपीट की जाती है, फिर उसको फर्जी मुकदमे में फंसा कर जेल भेजती है कुछ की खबर तो आ जाती है? कुछ की खबर नहीं आती? कुछ गोदी मीडिया पत्रकार जो पत्रकारिता के नाम पर कलंक है।
वह पत्रकारों की आवाज बुलंद नहीं करना चाहते ऐसा क्यों? क्या आज दिल्ली पुलिस को जानकारी देने वालों पर ऐसा ही शिकंजा कसती रहेगी तो कौन सच को उजागर करेगा?
कोई है पूछने वाला खबर ब्रेक करने पर कियों पकड़ा पत्रकार।
इस पर दिल्ली पुलिस अधिकारियों को लेना होगा संज्ञान।
ए.के.चौधरी की रिपोर्ट