पुस्तक बिक्री से केंसर पीड़ितों की सहायता
मणि की किरण हिंदी पुस्तक
संवाददाता:(एस्र के आर)
नई दिल्लीः पुस्तक बिक्री से केंसर पीड़ितों की सहायता जी हाँ जैसा कि आप जानते हैं इस पुस्तक से होने वाली आय का आधा हिस्सा aiims में कैंसर से पीड़ित बच्चों उनके परिवार के साथ में इलाज कराने आए पीड़ितों परिवार की सहायता में लगाया जाता है।
दिल्ली पुलिस के डीसीपी जितेन्द्र मणि इस पुस्तक की बिक्री का आदा हिस्सा खर्च करते हैं ताकि कोई केंसर से अपनों से दूर न हो समय समय पर भोजन उपलब्ध कराने में का भी पूरा बंदोबस्त करते है।
बड़े दुःख से बताना पड़ रहा है जिस पुस्तक का नाम मणि'''किरण है वह पत्नी जितेन्द्र मणि की पत्नी की याद में उनके नाम पर पुस्तक है जिन्हें जितेंदर मणि त्रपाठी ने कैंसर का इलाज करते-कराते खो दिया था और अपनी जिंदगी का एक अनमोल हीरा खो दिया था जिनकी यादें आज भी जिंदा हैं और किरण मणि के न होते हुए भी इस पुस्तक की मदद से होने वाले केंसर पीड़ितों की मदद से ये महसूस करते है जैसे उनकी पत्नी खुद पीड़ितों की सहायता कर रही हैं।
डीसीपी जितेंदर मणि त्रपाठी चाहते है कैंसर से कोई अपने परिवार से दूर न हो वो कहते हैं इस पुस्तक को कैंसर पीड़ितों की सहायता के उद्देश से ज्यादा से ज्यादा खरीदें ताकि इस बीमारी के बोझ तले पीड़ितों की ज्यादा से ज्यादा सहायता की जाए।
बतादें डीसीपी जितेंदर मणि त्रपाठी अपनी पुस्तक की बिक्री के आदे खर्च के अलावा अपनी तनख्वाह का हिस्सा भी केंसर पीड़ितों की सहायता में खर्च करते है।
रिपोर्ट: Rashid Chaudhary
SKR NEWS